High level languages:-
हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यूजर-फ्रेंडली सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स और वेबसाइट बनाने के लिए बनायीं गयी लैंग्वेज है जिसे समझना, लिखना, पढ़ना और इस्तेमाल करना एक डेवलपर के लिए काफी आसान होता है Low-Level लैंग्वेज developer को समझने में थोड़ी मुश्किल होती है और Low-Level लैंग्वेज से यूजर फ्रेंडली सॉफ्टवेयर और websites बनाना काफी मुश्किल होता है इसलिए User-Friendly Software’s बनाने के लिए High-Level लैंग्वेज को बनाया गया है।
High-level लैंग्वेज में लिखे हुए प्रोग्राम्स सीधे मशीन पर Run नहीं हो सकते है। High-level लैंग्वेज के प्रोग्राम्स रन करने के लिए compiler या interpreter की आवश्यकता होती है क्योंकि High-level लैंग्वेज में लिखा हुआ प्रोग्राम पहले मशीन लैंग्वेज में ट्रांसलेट करना होता है। High-level लैंग्वेज का प्रोग्राम Low-Level मशीन लैंग्वेज में ट्रांसलेट करने की जरुरत इस लिए पड़ती है क्योंकि कंप्यूटर को सिर्फ Low-level वाली मशीन लैंग्वेज (0 और 1) समझ आती है।
Example: Python, Java, JavaScript, PHP, C#, C++, Cobol, Perl, Pascal, और FORTRAN आदि।.
Example:
To add 5 and 6 you will write 5+6 and you will get result
To add 5 and 6 using high level language, you have to write: 5+6
High level languages:-
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- High-level languages are similar to natural languages, therefore, easy to learn and understand.
- They use an English language-like structure.
- Programming can be done using English language alphabets, numerals and special symbols.
- Programs written in high level language are translated into machine language using interpreter or compiler.
Example: C, C++, Java, Python etc.
Example:
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To add 5 and 6 using high level language, you have to write: 5+6