AI को प्राप्त करने के कई तरीके हो सकते हैं जो निम्न है-
Machine Learning:-
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में मशीन लर्निंग एक प्रमुख कंपोनेंट है। आसान शब्दों में कहें तो यह एक ऐसा एल्गोरिदम है, जो डेटा सेट को स्कैन करता है और फिर उनसे एजुकेटेड जजमेंट लेने में मदद लेता है। मशीन लर्निंग के मामले में, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर अपने काम के एक्सपीरियंस से ही सीखते हैं और फिर अपनी परफॉरमेंस में सुधार भी करते हैं। यानी मशीन लर्निंग में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर खुद को ही ट्रेंड करता है। चैटजीपीटी और बार्ड जैसे एआई टूल में नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग का ही इस्तेमाल किया गया है
Deep Learning:-
डीप लर्निंग को मशीन लर्निंग का एक सबसेट भी माना जा सकता है। डीप लर्निंग रिप्रेजेंटेटिव लर्निंग के साथ आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क पर आधारित है। डीप लर्निंग में ‘डीप’ नेटवर्क में गहन लर्निंग को बताता है। यानी इसमें सीखने की क्षमता काफी ज्यादा होती है। आसान शब्दों में कहें तो यह कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क से प्रेरित तरीके से डाटा प्रोसेस्ड करना सिखाती है।
Natural Language Processing (NLP):-
नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग यानी एनएलपी भी एक तरह की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जो एआई और भाषा विज्ञान को जोड़ती है। इसकी मदद से मनुष्यों को नेचुरल लैंग्वेज का इस्तेमाल करके मशीन और रोबोट के साथ संवाद करने में मदद मिलती है। गूगल वॉइस सर्च, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का सबसे सरल उदाहरण है।
Vision:-
लागत में कटौती और सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए ऑर्गेनाइजेशन में कंप्यूटर विजन का उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर विजन का मार्केट अपनी क्षमताओं के समान दर से बढ़ रहा है और 2025 तक 26.2 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह लगभग 30% वार्षिक वृद्धि है। सेल्फ-ड्राइविंग कारों में कंप्यूटर विजन का ही इस्तेमाल किया जाता है।