Factors Affecting personality:- व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक
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Biological-Heredity-Genetic Source:- जैविक–आनुवांशिकता–आनुवंशिक स्रोत
व्यक्तित्व में कुछ गुण पैतृक या आनुवंशिक होते है। शरीर का रंग , रूप, शरीर की बनावट गुणों से युक्त हो सकते है। बालक की आनुवांशिकता में केवल उसके माता- पिता की देन ही नहीं होती। बालक की आनुवांशिकता का आधा भाग माता-पिता से, एक चौथाई भाग दादा-दादी से , नाना-नानी से व आंठवा भाग परदादा-दादी और अन्य पुरखों से प्राप्त होता है। अत: बालक के व्यक्तित्व पर पैतृक गुणों का प्रभाव पड़ता है।
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Family and Social Factor:-पारिवारिक और सामाजिक कारक
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह जीवन पर्यंत समाज में रहता है जिस पर समाज का और सामाजिक क्रिया कलापो का प्रभाव पड़ता है।घर परिवार से लेकर समाज के लोगों तक का का असर व्यक्ति पर पड़ता है। जिस प्रकार का समाज होता है वहां के लोग उसी अनुरूप कार्य एवं व्यवहार करते हैं । सामाजिक कार्य में माता पिता ,घर के अन्य सदस्य , विद्यालय, साथ पढ़ने वाले विद्यार्थी , शिक्षक तथा विद्यालय की भौगोलिक स्थिति उनके विकास व व्यक्तित्व में प्रभाव डालते है।
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Cultural Factors:- सांस्कृतिक कारक
व्यक्ति के विकास में संस्कृति का प्रभाव अहम भूमिका निभाता है क्योंकि जब बच्चे का जन्म होता है तब से वह समाज और उनके सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप ढलता है। उसकी संस्कृति ही उसे सुरक्षित भी रखती है। संस्कृति और व्यक्तित्व एक दूसरे के पूरक हैं। प्रत्येक संस्कृति में व्यक्ति का सामाजीकरण एक विधि विधान से होता है।
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Situational Factors:-
यह देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति अलग व्यवहार और विभिन्न लक्षणों और विशेषताओं का प्रदर्शन करता है। आप पा सकते हैं कि एक व्यक्ति का व्यवहार उसके कार्यालय में, अपने दोस्तों के साथ, बिल्कुल अलग होता है। यह कारक एक महत्वपूर्ण तरीके से एक व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं।